Skip to content

CART

YOUR CART IS EMPTY

Signup For Our Newsletter

Article: FIR | रपट

FIR | रपट - By HolyWeaves, Benares

FIR | रपट

सलाम थानेदार साहेब।
एक रपट लिखवानी है। 

बड़े बौखलाए दिखते हो,
बैठो, बताओ क्या परेशानी है।

साहेब, हमरी है बड़ी सादा ज़िंदगी,
ना काहु से बैर, ना काहु से दोस्ती।

सानती से अपना काम करता हूँ,
ना जादा आमदनी, ना जादे कोई खर्चा, 
पता नहीं काहे लोग कहते हैं,
हमरे काम की है देस-विदेस में बड़ी चर्चा।

लेकिन साहेब।
आजकल कुछ बहरूपियों ने नाक में दम कर दिया है।
हमरा नाम लेके ख़ुद बना रहे तिमंज़िली इमारत,
और हमरा काम समझो ख़तम कर दिया है।

है इतना वजन हमरे नाम में,
हमें तो कब्बो पता ना था,
नहीं तो आख़िर समय में कुछ सुख हमऊ भोग लेते,
केऊ का का बिगड़ता।

ख़ैर साहेब,
हमें ना भीख चाहिए, ना ख़ैरात, ना मुआवजा। 
बस हमसे हमरी रोटी ना छीने कोई यूँही बेवजा।

हम्म। ठीक है। नाम बताओ। दर्ज कर लेता हूँ रपट।
बड़ी मेहरबानी साहेब, हमरा नाम “हथकरघा” है, ज़िला बनारस।

. . . . .

हुज़ूर, जाये से पहले ई बताइए
ई अंबानी का कौन सा नया नमक आवा है।
सुना है बहुते बड़ियाँ है। हमें तो टाटै का पता रहा।
महाराज वो नमक नहीं, n-m-a-c-c है।
चलो निकलो अब हियाँ से।

 


If you liked our post, and would like to see more such original content, please do leave a comment before leaving.

Leave a comment

This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

All comments are moderated before being published.